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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लिंगायतों को अलग धर्म की मान्यता देने का मसला गरमा सकता है| सिद्धारमैया सरकार ने वीराशैव-लिंगायत समुदाय को अलग संप्रदाय का दर्जा देने वाले प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है| वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के हालिया बयान से स्पष्ट है कि केंद्र सरकार वीराशैव-लिंगायत को अलग धर्म की मान्यता देने के मूड में नहीं है|
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक अमित शाह ने कहा, वीराशैव-लिंगायत समुदाय पर सिद्धारमैया सरकार का प्रस्ताव चिंताजनक है, यह एक षड्यंत्र है| सिद्धारमैया सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने के लिए यह कदम उठाया है| यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि बीएस येदियुरप्पा को अगला मुख्यमंत्री बनने से रोका जा सके| हम ऐसा नहीं होने देंगे|
बीजेपी अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार चुनाव के बाद बीएस येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनने से रोकने और समुदाय को बांटने के उद्देश्य से लिंगायतों के लिए धार्मिक अल्पसंख्यक दर्जे का मुद्दा उठा रही है| अमित शाह कई रैलियों में कह चुके हैं कि लिंगायतों को अलग धर्म का दर्जा देने से हिंदू धर्म में बंटवारा हो जाएगा|
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