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डॉटा चोरी के मामले में फंसा फेसबुक बुरे दौर से गुजर रही है| मार्क जुकरबर्ग के माफी मांगने के बावजूद कंपनी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं| मार्क जुकरबर्ग को इस मामले में माफी तो मांगनी ही पड़ी लेकिन, अब उनके सामने एक और मुसीबत खड़ी हो गई|
जिससे जुकरबर्ग परेशान हैं| हो सकता है यह परेशानी इतनी बढ़ जाए कि उन्हें फेसबुक को बंद करना पड़े| अमेरिका, ब्रिटेन समेत अन्य मुल्कों की कंपनियों की तरह टॉप इंडियन विज्ञापनदाताओं ने भी फेसबुक से किनारा कर लिया है| विज्ञापन कंपनियों ने कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में फेसबुक से स्पष्टीकरण भी मांगा है|
कंपनियों ने बंद किए विज्ञापन
विज्ञापन देने वाली कंपनियों ने फेसबुक को विज्ञापन देने बंद कर दिए हैं| ये कंपनियां फेसबुक के मामले में सोचसमझकर कदम उठा रही है| दरअसल, मैगी विवाद के बाद नेस्ले ने अपने सबसे बड़े ब्रैंड मैगी नूडल्स की वापसी के लिए फेसबुक का जमकर उपयोग किया| इस बीच नेस्ले ने कहा है कि वह डाटा सुरक्षा के बारे में फेसबुक की घोषणाओं से उत्साहित है| हालांकि, हम इस मुद्दे पर चिंतित भी हैं, क्योंकि हमारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों बिजनेस उपभोक्ताओं के विश्वास पर आधारित है|
बढ़ रहा है डिजिटल विज्ञापन
स्मार्टफोन के बढ़ते उपयोग के बीच डिजिटल विज्ञापन तेजी से बढ़ रहा है| देंत्सु एजिस नेटवर्क के जनवरी में जारी अनुमान के मुताबिक, 8200 करोड़ की इंडियन डिजिटल विज्ञापन इंडस्ट्री साल 2020 तक 32 फीसदी सीएजीआर से बढ़कर 18896 करोड़ रुपए की हो जाएगी| इंडस्ट्री के जानकारों की मानें तो फेसबुक पर इंडियन विज्ञापन खर्च 1700-1800 करोड़ रुपए का है| अगर विज्ञापन बंद किए जाते हैं तो फेसबुक को अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव करना पड़ेगा| वहीं, इसके बंद होने की भी संभावनाएं हैं|
नेस्ले के बाद ITC ने भी चिंता जताई
आईटीसी ने भी इस प्लेटफॉर्म के जरिए फेक न्यूज के प्रसार पर चिंता जताई| इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, आईटीसी के डिविजनल चीफ एग्जीक्यूटिव हेमंत मलिक ने कहा कि फेक प्रोफाइल्स बढ़ने और फेसबुक से फेक न्यूज के प्रसार पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है| इससे फेसबुक के साथ-साथ कंपनियों की साख पर भी सवाल उठता है|
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