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22 मार्च को वर्ल्ड वॉटर डे के रुप में मनाया जाता है| पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी कि दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन में कुछ ही दिनों का पानी बचा हआ है यानि की एक वक्त के बाद शहर में पानी खत्म हो जाएगा| जलसंकट का खतरा सिर्फ केपटाउन पर ही नहीं बल्कि आने वाले समय में विश्व के कई देशों पर मंडराने वाला है| पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था सेंटर फॉर सांइस (सीएसई) की मदद से प्रकाशित पत्रिका डाउन टू अर्थ की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि ब्राजील के साओ पाउलो और भारत के बेंगलुरु में जल्द ही पानी की किल्लत हो जाएगी|
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के शहर बेंगलुरु में 79 प्रतिशत जलाशय अनियोजित शहरीकरण और अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं| रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जलाशय के खत्म होने के लिए शहर के कुल क्षेत्रफल में 1973 की तुलना में निर्माणाधीन क्षेत्र में 77 प्रतिशत इजाफे का अहम योगदान है| बेंगलुरु का भूमि जल स्तर पिछले दो दशक में 10-12 मीटर से गिरकर 76-91 मीटर तक जा पहुंचा है| साथ ही शहर में बोर-वेल की संख्या तीस साल में पांच हजार से बढ़कर 4.5 लाख हो गई है|
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