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भारतीय क्रिकेटर हार्दिक पांड्या द्वारा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर फंसते हुए नजर आ रहे हैं| जोधपुर की एक स्पेशल SC/ST कोर्ट ने पुलिस को हार्दिक के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश जारी किया है| दरअसल, पिछले दिनों हार्दिक पांड्या के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी, जिसको कोर्ट ने स्वीकार कर लिया|
पांड्या के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर करने वाले डी.आर मेघवाल का कहना है कि 26 दिसंबर, 2017 को अपने ट्विटर अकाउंट पर संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ टिप्पणी की थी| मेघवाल ने आरोप लगाया है कि पांड्या ने इस पोस्ट में न सिर्फ डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपमानित किया गया, बल्कि दलित समुदाय के लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाया है|
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक मेघवाल का कहना है कि पांड्या ने ट्वीट कर कहा था, कौन आंबेडकर? उन्होंने कहा कि पांड्या ने ट्वीट में लिखा था कि "वह व्यक्ति जिसने देश के संविधान का ड्राफ्ट तैयार किया या फिर वो जिसने देश को आरक्षण के नाम पर एक बीमारी दी" बता दें कि मेघवाल खुद को राष्ट्रीय भीम सेना का सदस्य बताते हैं|
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