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बाबा भोलेनाथ की उपासना के सबस बड़े पर्व महाशिवरात्रि का भक्त पूरे वर्ष इंतजार करते हैं. भोले बाबा का हर भक्त इस दिन अपने आराध्य देव को प्रसन्न करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता| प्राचीन भारतीय परंपरा में फाल्गुन मास की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि के रूप में देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है|
महाशिवरात्रि के व्रत को अमोघ फल देने वाला बताया गया है. महाशिवरात्रि का पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है| शिव का अर्थ है कल्याणकारी, शिव यानि बाबा भोलेनाथ, शिवशंकर, शिवशम्भू, शिवजी, नीलकंठ और रूद्र आदि नाम से भगवान शंकर हिंदुओं के शीर्ष देवता हैं, वे देवों के देव महादेव कहे गए हैं| सभी प्रकार के पापों का नाश करने और समस्त सुखों की कामना के लिए महाशिवरात्रि व्रत करना श्रेष्ठ है|
मान्यता है कि यदि शिव को सच्चे मन से याद कर लिया जाए तो शिव प्रसन्न हो जाते हैं| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर का माता पार्वती के साथ विवाह हुआ था| हिंदू मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि साल के अंत में आती है इसलिए इस दिन पूरे वर्ष में हुई गलतियों के लिए भगवान शंकर से क्षमा याचना की जाती है और आने वाले वर्ष में उन्नति एवं सदगुणों के विकास के लिए प्रार्थना की जाती है|
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय-
'ॐ नमः शिवाय:' पंचतत्वमक मंत्र है इसे शिव पंचक्षरी मंत्र कहते हैं| इस पंचक्षरी मंत्र के जाप से ही मनुष्य संपूर्ण सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है| भगवान शिव का निरंतर चिंतन करते हुए इस मंत्र का जाप करें|
व्रती दिनभर शिव मंत्र 'ॐ नमः शिवाय:' का जाप करें तथा पूरा दिन निराहार रहें. रोगी, अशक्त और वृद्ध दिन में फलाहार लेकर रात्रि पूजा कर सकते हैं.
शिवपुराण में रात्रि के चारों प्रहर में शिव पूजा का विधान है. माना जाता है कि इस दिन शिवपुराण का पाठ सुनना चाहिए. रात को जागरण कर शिवपुराण का पाठ सुनना हर व्रती का धर्म माना गया है.
श्री महाशिवरात्रि व्रत करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. स्नान, वस्त्र, धूप, पुष्प और फलों के अर्पण करें. इसलिए इस दिन उपवास करना अति उत्तम कर्म है.
रात को शिव चालीसा का पाठ करें. प्रत्येक पहर की पूजा का सामान अलग से होना चाहिए.
भगवान शिव को दूध, दही, शहद, सफेद पुष्प, सफेद कमल पुष्पों के साथ ही भांग, धतूरा और बिल्व पत्र अति प्रिय हैं.
इन मंत्रों का जाप करें-
Сओम नम: शिवाय С, Сओम सद्योजाताय नम:Т, Сओम वामदेवाय नम:Т, Сओम अघोराय नम:Т, Сओम ईशानाय नम:Т, Сओम तत्पुरुषाय नम:Т.
अर्घ्य देने के लिए करें
Сगौरीवल्लभ देवेश, सर्पाय शशिशेखर, वर्षपापविशुद्धयर्थमर्ध्यो मे गृह्यताम तत:Т
भोलेनाथ प्रसन्न को प्रसन्न करने के लिए ये चढ़ायें-
केसर, चीनी, इत्र, दूध, दही, घी, चंदन, शहद, भांग,सफेद पुष्प, धतूरा और बिल्व पत्र
जल: ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं
बिल्व पत्र के तीनों पत्ते पूरे होने चाहिएं, खंडित पत्र कभी न चढ़ाएं
चावल सफेद रंग के साबुत होने चाहिएं, टूटे हुए चावलों ना चढ़ायें
फूल ताजे ही चढ़ायें, बासी एवं मुरझाए हुए न हों
शिवलिंग पर लाल रंग, केतकी एवं केवड़े के पुष्प अर्पित नहीं किए जाते
भगवान शिव पर कुमकुम और रोली का अर्पण भी निषेध है
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