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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के दौरान, जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) यानी पहुंचेंगे, तो यूएई एक ऐतिहासिक घटना को अपनी आंखों के सामने साकार होते देखेंगे क्योंकि, इस मुल्क में रहने वाले हिन्दू समुदाय के लिए वहां की सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया है, जो दोनों देशों के रिश्तों को और भी मज़बूत करने का काम करेगा| प्रधानमंत्री मोदी अबुधाबी में उस हिन्दू मंदिर की आधारशिला रखेंगे, जिसे बनाने के लिए यूएई की सरकार ने वर्ष 2015 में ही ज़मीन उपलब्ध कराने का वादा किया था|
आपको ये बात पता होनी चाहिए, कि दुबई में पहले से ही एक मंदिर मौजूद है, लेकिन अबुधाबी में हिन्दू समुदाय के लिए ऐसा कोई मंदिर नहीं था| वर्ष 2015 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए थे, तो वहां मौजूद भारतीय लोगों ने अबुधाबी में एक पूजा स्थल की मांग की थी| और उसी के बाद वहां की सरकार ने अबुधाबी में मंदिर बनाने के लिए ज़मीन देने का फैसला किया था| खुशी की बात ये है कि भारत और यूएई की सहनशीलता और संस्कृति की साझेदारी वाली सोच के तहत वर्ष 2020 तक ये मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया है| इस बारे में विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव मृदुल कुमार ने कहा, '"मंदिर के लिए अबु धाबी और दुबई के बीच एक बड़ी जगह दी गई है| यह एक भव्य और बहुत बड़ा मंदिर होगा|"
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मंदिर में भगवान कृष्ण, भगवान शंकर, भगवान अयप्पा सहित कई भगवानों की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी| इसके साथ ही इस मंदिर परिसर में एक खूबसूसरत बगीचा और मन को मोहने वाला वॉटर फ्रंट होगा|
पीएम मोदी के दौरे के एक साल बाद 2016 में वहां पर मोरारी बापू के एक सत्संग का आयोजन किया गया था| उस दौरान वहां के शेख ने जय श्री राम के नारे लगाए थे, जो काफी चर्चित हुआ था|
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