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इस बार का गणतंत्र दिवस समारोह बेहद ही खास होने वाला है| भारतीय इतिहास में यह पहला मौका है जब 10 असियान देशों के प्रमुख भारत की ताकत को देखेंगे| प्रधानमंत्री मोदी के आमंत्रण पर इन सभी राष्ट्रध्यक्षों का भारत में आगमन हो रहा है| पहली बार यह भी हो रहा है कि भारत ने गणतंत्र दिवस के मेहमानों को बुलाने में व्यक्तियों की बजाय क्षेत्र को तवज्जों दी है|
10 राष्ट्राध्यक्षों का यह दौरा कई लिहाज से खास माना जा रहा है| इन सभी राष्ट्रध्यक्षों का भारत दौरा उस वक्त आ रहे हैं, जब क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य हटधर्मिता बढ़ती जा रही है| कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत के लिये इन देशों के समक्ष व्यापार और संपर्क जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में अपने आप को एक शक्तिशाली सहयोगी के तौर पर प्रस्तुत करने का बेहतर अवसर हो सकता है|
गणतंत्र दिवस कार्यक्रम से पहले गुरुवार को पीएम मोदी के साथ सभी राष्ट्राध्यक्षों की एक शिखर बैठक होगी| कयास लगाए जा रहे हैं कि इस शिखर बैठक में पीएम मोदी समुद्री क्षेत्र में सहयोग और सुरक्षा के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख सकेंगे| आसियान देशों में थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन सिंगापुर, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और ब्रुनेई शामिल हैं| गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए 9 राष्ट्रध्यक्ष पहले ही भारत पहुंच चुके हैं|
गुरुवार को इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री जोको विडोडो भारत आएंगे. कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कई ट्वीट किए| उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "आसियान- भारत स्मारक शिखर सम्मेलन में भारत वियतनाम के प्रधानमंत्री न्ग्यूयेन जुआन फ्यूक और उनकी पत्नी सुश्री त्रान न्ग्यूयेन थू का स्वागत करता है| मानव संसाधन विकास राज्यमंत्र सत्यपाल सिंह ने उनकी अगवानी की|"
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