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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी को अपने आंदोलन से जोड़ना उनकी सबसे बड़ी गलती थी| अन्ना ने कहा कि उन्होंने अपनी इस भूल से सबक लिया है| अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि लोकपाल, लोकायुक्त और चुनावी सुधार से संबंधित समुचित विधेयक को पारित करने की उनकी मांग पूरी नहीं होने पर वह 23 मार्च से दिल्ली में अनशन करेंगे|
हजारे ने कहा कि इस बार इच्छित परिणाम प्राप्त होने तक वह आर-या-पार की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि उनको इस बात की उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन लाएंगे और देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ| उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने लोकायुक्त और लोकपाल विधेयकों को कमजोर कर दिया| हजारे ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी लोकपाल विधेयक को कमजोर किया|
एक सवाल के जवाब में सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल जैसे लोगों को अपने आंदोलन से जोड़ना उनके जीवन की भूल थी| उन्होंने कहा कि अतीत से सबक लेते हुए उन्होंने इस बार भ्रष्टाचार के खिलाफ उनसे जुड़ने वाले लोगों से 100 रुपये के स्टांप पेपर पर यह बांड भरवाया है कि वे किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जुड़ेंगे| उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ वह मामला दर्ज कराएंगे|
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