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UPA सरकार को झकझोरने वाले 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़ी तीन याचिकाओं की फैसले की तारीख का ऐलान विशेष अदालत मंगलवार को कर सकती है| 2 जी घोटाले को आजाद भारत के सबसे बड़े घोटालों में से एक माना जाता है और इसकी वजह से मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार हिल गई थी| इस मामले में डीएमके नेता और पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा, कनीमोरी और कई हाई-प्रोफाइल उद्योगपति आरोपी हैं| विशेष जज ओपी सैनी की अदालत में इन केसों की सुनवाई हुई है| इस मामले से जुड़े केसों की सुनवाई जस्टिस ओपी सैनी की कोर्ट में ही हुई है|
विशेष कोर्ट में जिन तीन केसों की सुनवाई हो रही है, उनमें से दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय ने दायर किए हैं| पिछले महीने कोर्ट ने सात नवंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय करते हुए संकेत दिए थे कि इस दिन ही फैसले की तारीख का ऐलान किया जाएगा|
सीबीआई ने जो पहला केस दर्ज किया है, उसमें ए राजा, कनीमोरी, पूर्व टेलीकॉम सचिव सिद्धार्थ बेहुरा और राजा के पूर्व प्राइवेट सेक्रेट्री आरोपी हैं| इस केस में स्वान टेलीकॉम के प्रमोटर्स, यूनीटेक के एमडी, अनिल अंबानी रिलायंस ग्रुप के तीन एक्जीक्यूटिव और कलैगनार टीवी के डाइरेक्टर्स इसमें आरोपी हैं|
तीन टेलीकॉम कंपनियां-स्वान टेलीकॉक प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनीटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड इस मामले में ट्रायल का सामना कर रही हैं| अक्टूबर, 2011 में कोर्ट ने इनके खिलाफ आरोप तय किए थे|
सीबीआई द्वारा दर्ज दूसरे मामले में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया और अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम प्रमोटर्स और एस्सार ग्रुप डाइरेक्टर(स्ट्रैटजी और प्लानिंग) विकास सर्राफ के खिलाफ आरोप हैं| इनसे जुड़ी तीन टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ भी केस है|
ईडी ने अप्रैल 2014 में घोटाले से संबंधित मनी लांड्रिंग केस में ए राजा, कनीमोरी, शाहिद बलवा, विनोद गोएनका, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी और शरद कुमार जैसे 19 नाम शामिल हैं|
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