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इस समय पूरे देश में अंतर-धार्मिक विवाह पर बहस छिड़ी हुई है| लव जिहाद और अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर कोर्ट से लेकर समाज तक चर्चाएं चल रही हैं| ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बहस में उतरते हुए कहा है कि हर अंतर-धार्मिक विवाह को लव जिहाद कहना सही नहीं है| उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी दूसरे धर्म में शादी की है, लेकिन ये प्यार और शादी में जिहाद शब्द कहां से और कब आ गया, पता ही नहीं|
WION के साथ ख़ास बातचीत में नकवी ने कहा कि वह जोर-जबरदस्ती शादी करने के खिलाफ हैं| शादी प्यार और आपसी सहमति का रिश्ता है ना कि जोर-जबरदस्ती का| उन्होंने कहा कि अंतर-धार्मिक विवाह में लव जिहाद को एक साजिश के तहत शामिल किया जा रहा है| इसकी जांच होनी चाहिए| उन्होंने कहा कि वे यह भी समझते हैं कि किसी भी देश में जोर-जबरदस्ती से कोई परिवर्तन नहीं लाया जा सकता| वे समझते हैं कि यह पूरा मामला एक साजिश के तहत फैलाया जा रहा है|
उन्होंने कहा कि लव जिहाद, शादी के बाद धार्मिक बदलावों से जुड़ा शब्द है हालांकि यह एक व्यक्ति की इच्छा के अनुसार हो सकता है| हाल के दिनों में कई समूहों ने आरोप लगाया है कि यह लव जिहाद एक योजना के तहत किया जा रहा है|
नकवी का मानना है कि भारतीय आम तौर पर कट्टरता से दूर रहते हैं| कट्टरवाद के खिलाफ उनके मंत्रालय द्वारा उठाए जाने वाले कदम के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां इस तरह के जो भी मामले सामने आते हैं, वे सब अलग-अलग तरह के मामले हैं| उन्होंने कहा कि भारत में अल-कायदा सफल नहीं हो सका और उसी तरह आईएसआईएस भी सफल नहीं हो पाए हैं| कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन यूरोपीय देशों के मुकाबले में ये ना के बराबर हैं|
उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा एजेंसियां बड़ी मुस्तैदी से काम कर रही हैं, लेकिन ये सही है कि हम भारतीय किसी भी कट्टरवाद से खिलाफ रहते हैं| उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता तो आज देश पर हिंदू महासंघ या मुस्लिम लीग का राज होता|
नकवी ने भी कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता विकास है| सरकार का पूरा ध्यान गरिमा के साथ विकास पर है और हम उन हिस्सों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश कर रहे हैं जो यूपीए के कार्यकाल के दौरान अछूते रहे हैं| हम तुष्टीकरण में विश्वास नहीं रखते|
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