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सार्वजनिक जगहों पर राष्ट्रगान बजाने के मुद्दे पर जारी बहस में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व पत्रकार आशुतोष भी शामिल हो गए हैं| आशुतोष ने कहा कि न्यूज चैनलों में बुलेटिन शुरू होने से पहले और आखिर में राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए और एंकर समेत बाकी लोगों को इसके सम्मान में खड़ा होना चाहिए|
इस मसले पर उन्होंने मंगलवार को दो ट्वीट किए| एक ट्वीट में उन्होंने कहा, टीवी न्यूज़ चैनेल्स में हर घंटे, बुलेटिन शुरू होने के पहले और अंत में जन गण मन को एंकर समेत खड़े होकर गान होना चाहिए| अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, ख़ासतौर पर राष्ट्रवादी एंकरों को बुलेटिन शुरू होने और डिबेट खत्म होने के पहले जन गण मन का गान करना चाहिये ताकि पूरा देश उनका अनुसरण करे|
बता दें राष्ट्रगान को लेकर जारी इस बहस में कई जानी मानी हस्तियां अपने विचार रख चुकी हैं| इससे पहले अभिनेत्री विद्या बालन ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाने को लेकर जारी बहस के बीच मुद्दे पर अपनी राय देते हुए कहा कि देशभक्ति थोपी नहीं जा सकती| एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि फिल्मों से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए| आप स्कूल में नहीं हैं, जहां आप दिन की शुरूआत राष्ट्रगान से करते हैं| बालन ने कहा, इसलिए मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि राष्ट्रगान वहां नहीं बजाया जाना चाहिए| आप देशभक्ति थोप नहीं सकते| उन्होंने कहा कि उन्हें अपने देश से प्यार है और इसकी रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं| उन्होंने कहा, लेकिन यह सही नहीं है कि कोई मुझे यह बात बताएं| जब मैं राष्ट्रगान सुनती हूं, मैं कहीं भी रहूं, खड़ी हो जाती हूं|
इससे पहले सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रगान बजाने को लेकर जारी बहस में कूदते हुए गायक सोनू निगम ने कहा था कि जहां वह हर देश के राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं, उन्हें यह भी लगता है कि सिनेमाघरों और रेस्टॉरेंट्स में इसे नहीं बजाना चाहिए| निगम ने कहा कहा, अगर पाकिस्तान का राष्ट्रगान बजता है और सभी पाकिस्तानी खड़े होते हैं तो मैं भी उस देश और उन लोगों के सम्मान के तौर पर खड़ा हो जाऊंगा| उन्होंने ने कहा, कुछ लोगों का कहना है कि वहां (सिनेमाघरों) में राष्ट्रगान बजना चाहिए, कुछ का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए| राष्ट्रगान एक प्रतिष्ठित एवं संवेदनशील चीज है और मुझे लगता कि इसे कुछ जगहों - सिनेमाघरों या रेस्टॉरेंट्स में नहीं बजाया जाना चाहिए|
बता दें सोमवार (23 अक्टूबर) को उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को सिनेमाघरों सहित सार्वजनिक स्थलों पर राष्ट्रगान बजाने के मुद्दे पर फैसला करने का निर्देश दिया था| उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि देशभक्ति साबित करने के लिए सिनेमाघरों में राष्ट्रगान के समय खडा होना जरूरी नहीं हैं| न्यायालय ने इसके साथ ही केंद्र सरकार से कहा कि सिनेमाघरों में राष्ट्र गान बजाने को नियंत्रित करने के लिए नियमों में संशोधन पर विचार किया जाए| सुप्रीम कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रगान के लिये खड़ा नहीं होता है तो ऐसा नहीं माना जा सकता कि वह कम देशभक्त है|
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