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रोहिंग्या मुसलमानों को देश में शरण देने की वकालत करने वाले कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने गुरुवार को कहा कि दिग्विजय नर्मदा नदी में डुबकी लगाते समय नर्मदे-नर्मदे की जगह रोहिंग्या-रोहिंग्या कह रहे होंगे|
सरोकार समिति द्वारा यहां आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवता पर संवाद में व्याख्यान देते हुए पात्रा ने कहा, Сरोहिंग्या से मुसलमान शब्द हटा दीजिए, तो दिग्विजय नजर नहीं आएंगे|
उन्होंने कहा, दिग्विजय जी आजकल नर्मदा में डुबकी तो लगा रहे हैं, लेकिन नर्मदे-नर्मदे की बजाय रोहिंग्या-रोहिंग्या कह रहे हैं| पात्रा ने कहा कि इनकी फितरत यही है| इनके जैसे कई लोग हैं, जो रोहिंग्या को देश में शरण देने की वकालत कर रहे हैं|
पात्रा ने दिग्विजय के साथ-साथ देश विदेश के अन्य नेताओं को सलाह दी कि संयुक्त राष्ट्र के नाम पर भारत के लोगों को बरगलाने का काम बंद करें| उल्लेखनीय है कि दिग्विजय ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार रोहिंग्या मुसलमानों के लिए बांग्लादेश की मदद कर सकती है, तो फिर उन्हें भारत में आश्रय क्यों नहीं दे सकती|
पात्रा ने कहा कि करीब 40,000 रोहिंग्या हैं, जो हमारे देश में अवैध रूप से रह रहे हैं| वे म्यांमार से आए हैं| ये घुसपैठिये हैं और अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं| इन्हें शरणार्थी नहीं कहा जा सकता| उन्होंने कहा कि शरणार्थी वह होते हैं, जो आवेदन कर आते हैं| इन रोहिंग्या घुसपैठियों के अलावा, करीब 14,000 रोहिंग्या शरणार्थी भी भारत में रह रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र से शरणार्थी के लिए दस्तावेज लेकर आये हैं| कोई भी शरणार्थी भारत में छह साल से अधिक नहीं रह सकता है|
पात्रा ने सरकार से मांग की कि इन घुसपैठियों को तुरंत देश से निर्वासित किया जाए| उन्होंने कहा कि ये रोहिंग्या जम्मू, हैदराबाद, दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में रह रहे हैं| चूंकि भारत ने शरणार्थियों को लेकर हुई संयुक्त राष्ट्र की 1951 शरणार्थी संधि और 1967 में लाए गए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, इसलिए देश में कोई शरणार्थी कानून नहीं हैं|
गौरतलब है कि 70 वर्षीय दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी अमृता राय के साथ 30 सितंबर से मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले से राज्य की जीवनदायिनी नदी नर्मदा की परिक्रमा पर निकले हैं| करीब छह महीने तक चलने वाली इस 3,300 किलोमीटर लंबी परिक्रमा के दौरान वह इस पवित्र नदी के दोनों तटों पर रोजाना करीब 20 किलोमीटर पैदल चलेंगे| वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय के अनुसार उनकी यह यात्रा पूरी तरह से धार्मिक एवं आध्यात्मिक है| इसका राजनीति से कुछ भी लेना-देना नहीं है| वर्तमान में वह मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं|
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