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डोकलाम को लेकर विवाद अभी थमा ही था कि चीन ने एक बार फिर सड़क निर्माण का कार्य शुरु कर दिया है| सूत्रों की मानें तो चीन ने बड़ी संख्या में सैनिक भी तैनात कर दिए हैं| माना जा रहा है कि सैनिकों की तैनाती और डोकलाम पठार में फिर से किए जा रहे सड़क निर्माण के कारण दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ सकता है| वहीं चीन ने भारत की यात्रा कर रहे अपने नागरिकों के लिए ट्रेवल एडवायजरी भी जारी की है| डोकलाम गतिरोध के बाद चीन ने पहली बार ऐसी चेतावनी जारी की है|
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने डोकलाम में उस जगह के पास अपने करीब 500 सैनिकों को तैनात कर रखा है जहां 73 दिन तक भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध रहा था| इस इलाके से करीब 10 किलोमीटर दूर चीन ने एक बार फिर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया है| इस स्थिति से संकेत मिलता है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमा पर तनाव अभी तक कम नहीं हुआ है| सूत्रों ने कहा कि डोकलाम में चीन अपने सैनिकों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ा रहा है जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है| इस पर भारत का चिंतित होना लाजमी है|
डोकलाम पठार में चुंबी घाटी में चीनी बलों की मौजूदगी की वजह से तनाव पसरे होने का संकेत वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने भी बुधवार को दिया| उन्होंने संवाददाताओं से कहा, С"दोनों पक्ष सीधे तौर पर आमने-सामने नहीं हैं| हालांकि चुंबी घाटी में अब भी उनके जवान तैनात हैं और मैं आशा करता हूं कि वे वापस चले जाएंगे क्योंकि इलाके में उनका अभ्यास पूरा हो गया है|" डोकलाम को लेकर चीन और भूटान के बीच क्षेत्रीय विवाद रहा है और भारत इस मुद्दे पर भूटान का समर्थन कर रहा है|
भारत और चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में 16 जून से 73 दिन तक गतिरोध की स्थिति बनी रही थी| इससे पहले भारत की सेना ने चीन की सेना द्वारा विवादित क्षेत्र में एक सड़क के निर्माण पर रोक लगा दी थी| गतिरोध के दौरान भूटान और भारत एक दूसरे से संपर्क में रहे जो गत 28 अगस्त को समाप्त हुआ|
इस तरह की भी खबरें हैं कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने यातुंग में अग्रिम चौकी पर सैनिकों की संख्या और बढ़ा दी है. सूत्रों के मुताबिक डोकलाम पठार में चीन के सैनिकों को तैनात किया गया है लेकिन सर्दियों में वे इलाका छोड़कर चले जाते हैं|
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