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रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थी नहीं, अवैध प्रवासी हैं: राजनाथ सिंह

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गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी नहीं है और ना ही उन्होंने शरण ली है| वे अवैध प्रवासी हैं| इसके साथ ही कहा कि जब म्‍यांमार, रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस लेने के लिए तैयार है तो कुछ लोग उनके निर्वासन पर आपत्ति क्यों जता रहे हैं| उल्‍लेखनीय है कि म्‍यांमार से पलायन कर भारत आने वाले रोहिंग्‍या मुसलमानों के बारे में गृह मंत्री ने यह बात कही| एक आंकड़े के मुताबिक इस वक्‍त देश में तकरीबन 40 हजार रोहिंग्‍या समुदाय की उपस्थिति है| इनको देश में शरणार्थी के रूप में शरण दिए जाने की मांग भी हो रही है| उसी पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री ने यह बात कही|
 
इससे पहले केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को सर्वोच्च न्यायालय से रोहिंग्या मुद्दे पर हस्तक्षेप न करने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्हें वापस भेजने का निर्णय सरकार का नीतिगत फैसला है| केंद्र ने साथ ही कहा कि इन रोहिंग्या में से कुछ का संबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकवादी गुटों से है|
 
केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि रोहिंग्या मुद्दा न्यायोचित (जस्टिसिएबल) नहीं है और जब इस संबंध में कानून में उनके निर्वासन के लिए सही प्रक्रिया मौजूद है तो फिर केंद्र सरकार को नीतिगत निर्णय लेकर देश हित में आवश्यक कार्यकारी करने का फैसले लेने दिया जाना चाहिए|
 
उधर म्‍यांमार की स्‍टेट काउंसलर आंग सान सू की ने पिछले दिनों कहा कि सांप्रदायिक हिंसा के शिकार रेखाइन प्रांत की समस्‍याओं के समाधान के लिए संयुक्‍त राष्‍ट्र के पूर्व महासचिव डॉ कोफी अन्‍नान के नेतृत्‍व में एक कमीशन को आमंत्रित किया है| इसके साथ ही पलायन करने वाले जो लोग वापस आना चाहते हैं तो इससे संबंधित शरणार्थी सत्‍यापन प्रक्रिया को शुरू करने के लिए भी म्‍यांमार तैयार है|
 
वैसे तो रखाइन प्रांत पिछले पांच वर्षों से सांप्रदायिक हिंसा का शिकार है| लेकिन हाल में 25 अगस्‍त को रोहिंग्‍या चरमपंथियों के एक सैनिक चौकी पर हमले के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई. तब से इस बौद्ध बहुसंख्‍यक आबादी वाले देश में हिंसा का दौर जारी है और बड़े पैमाने पर रोहिंग्‍या मुसलमानों का पलायन हो रहा है|
 


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