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पंचकुला की विशेष सीबीआई अदालत ने करीब 21 दिन पहले 25 अगस्त को साध्वियों से रेप के आरोप में राम रहीम (Ram Rahim) को दोषी करार दिया था. बाबा को दोषी करार दिए जाने के बाद उसके अनुयायी हिंसा पर उतारू हो गए थे. इस दौरान 38 लोगों की मौत हो गई थी और करीब 264 लोग जख्मी हो गए थे. इस दौरान बाबा के समर्थकों ने करीब 100 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था. इसके बाद पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से करने का आदेश दिया था.
28 अगस्त को राम रहीम को अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद से ही बाबा रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है. डेरा प्रमुख राम रहीम (Ram Rahim) और अन्य के खिलाफ हत्या के दो मामलों में शनिवार को सुनवाई के मद्देनजर फिर से शहर और आसपास के इलाकों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. यह मामला डेरा प्रमुख के अनुयायियों और उसके लिए काम करने वालों की ओर से कथित रूप से सिरसा के पत्रकार राम चंद्र छत्रपति और डेरा मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है.
राम रहीम की अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी की जाएगी. इस मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह करेंगे. उन्होंने ही 25 अगस्त को भी दुष्कर्म के दो मामलों में राम रहीम को 20 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. हरियाणा के पुलिस महानिदेशक बी एस संधू ने शुक्रवार को बताया कि मामलों में सुनवाई से पहले हमने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पंचकूला में अर्द्धसैनिक बलों और हरियाणा पुलिस की टुकड़ी को तैनात किया गया है.
संधू ने कहा कि राम रहीम के खिलाफ मामले में सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए से होगी जो रोहतक जेल में बंद है. बलात्कार के दो मामलों में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 अगस्त को राम रहीम को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी. पंचकुला में शनिवार (16 सितंबर) की सुनवाई से पहले डेरा समर्थकों के जमा होने की कोई खबर नहीं है, इससे पहले 25 अगस्त को हुई सुनवाई में यहां एक लाख से ज्यादा लोग एकत्रित हो गए थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुष्कर्मी राम रहीम को शनिवार (16 सितंबर) को सीबीआई की अदालत में पेश नहीं किया जाएगा. उसकी पेशी जिला जेल सुनारिया से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी. सीबीआई के वकील एच पी एस वर्मा ने बताया, Сहत्या के दो मामलों में अंतिम जिरह कल (16 सितंबर, शनिवार)) शुरू होगी.Т
अभियोजन के मुताबिक सिरसा के पत्रकार छत्रपति की अक्तूबर 2002 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उनके अखबार Сपूरा सचТ ने एक गुमनाम पत्र छापा था जिसमें बताया गया था कि किस तरह से सिरसा स्थित डेरा मुख्यालय में महिलाओं का यौन उत्पीड़न होता था.
दूसरा मामला डेरा के प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या से जुड़ा हुआ है जिनकी 2002 में हत्या हुई थी. अज्ञात पत्र को प्रसारित करने में उनकी संदिग्ध भूमिका के लिए उनकी हत्या की गई थी. हत्या का शिकार बने दोनों लोगों के परिजन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने नवम्बर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हत्या मामले में सीबीआई ने 30 जुलाई 2007 को आरोपपत्र दायर किया था.
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