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रात के वक्त यानी नाइट शिफ्ट में काम करना आपके स्वास्थय के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो सकता है| एक शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि नाइट शिफ्ट में जिगर यानी लीवर बुरी तरह प्रभावित होता है| लिवर 24 घंटों में दिन और रात के हिसाब से भोजन और भूख के चक्र का आदी हो जाता है|
रात की ड्यूटी यानी नाइट शिफ्ट के चलते आप समय पर भोजन नहीं कर पाते, जिसका सीधा असर आपके लिवर पर पड़ता है| शोधकर्ताओं ने चूहों पर प्रयोग कर पाया कि लिवर का आकार रात में बढ़ता है और वह खुद को ज्यादा खुराक के लिए तैयार करता है, लेकिन उसे समय पर उतनी खुराक नहीं मिल पाती| सेल नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च आधारित लेख में शोधकर्ताओं ने बताया है कि जब सामान्य जैविक क्रिया की लय उलट जाती है तो लिवर के घटने-बढ़ने की प्रक्रिया प्रभावित होती है|
शोधकर्ताओं का कहना है कि व्यावसायिक बाधाओं या निजी आदतों के चलते हमारी जैविक घड़ी यानी बायोलॉजिकल क्लॉक और दिनचर्या बिगड़ती है| जिसका सीधा असर लिवर के महत्वपूर्ण कामकाज पर पड़ता है| प्रयोग के दौरान चूहों को रात में चारा दिया गया, जबकि दिन में आराम करने दिया गया|
इस मामले में जिनेवा यूनिवर्सिटी के शोध प्रमुख फ्लोर सिंटूरल ने कहा कि हमने देखा कि रात में सक्रिय चरण यानी एक्टिव फेज़ के दौरान लिवर 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ता है और दिन के दौरान यह शुरुआती आकार में वापस आ जाता है| बायोलॉजिकल क्लॉक में बदलाव से यह प्रक्रिया प्रभावित होती है|
नाइट शिफ्ट करने वाले लोग अपनी नींद को खुद से परे रखने के लिए कॉफी और चाय को ही अपना दोस्त बना बैठते हैं और ना जानें रात से लेकर सुबह के बीच वह कितनी अनगिणत कॉफी और चाय पीते चले जाते हैं ताकि वह दूसरे दिन होने तक बिल्कुल फ्रेश और एनर्जेटिक महसूस करें। बता दें कि ज्यादा मात्रा में कॉफी या चाय का सेवन करने से हमारा पूरा डायजिस्टिव सिस्टम खराब हो जाता है।
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