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| मुँह में छाले होने के अनेको कारण हैं। मुँह के छाले दिखने में छोटे होते हैं मगर दर्द बहुत देते हैं और इनके कारण न सही तरह से खाना खा पाते हैं और न ही बात कर पाते हैं। ये कतई जरुरी नहीं है की जिन कारणों से आपको छाले हुए हो दूसरे व्यक्ति को छाले होने का भी यही कारण बने | आमतौर पर मुँह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गरमी की वजह से होते हैं। पाचन क्रिया का असंतुलन इसका मूल कारण है। कुछ लोगो में छाले वंशानुगत भी होते है |लेकिन इसके अलावा कई बार कोई चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे छाले मुँह की लार से अपने-आप ही ठीक भी हो जाते हैं। कई बार एंटीबॉयोटिक दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से साइड इफेक्ट हो जाता है, और उसकी वजह से भी मुँह में छाले होने लगते है| इसके अलावा दाँतों की टेढ़ीमेढ़ी संरचना की वजह से मुँह में छाले होना आम बात है। दाँतो के टेढ़ेमेढे, नुकीले या आधे टूटे होने की वजह से वे जीभ या मुँह में चुभते हैं और उनमे रगड़ होने लगती रहती है, नतीजन उस जगह छाले उत्पन्न हो जाते हैं। बुजुर्ग व्यक्तियों में भी अगर नकली बत्तीसी सही नहीं बनी हो और वो चुभने लगे तो भी छाले हो सकते हैं। तंबाखू, सुपारी, पान-मसाला और धूम्रपान आदि खाने के बाद बिना कुल्ले किए रात को सो जाने से भी छाले हो जाते हैं। मानसिक तनाव की वजह से भी मुँह में छालों होने लगते है| शरीर में अगर कोई संक्रमण हो और अगर शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है तो भी बार-बार छाले निकलने लगते है| टेढ़ेमेढे दाँतों को ठीक करने के लिए बांधे गए तारों की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, क्योंकि ये बार-बार मसूड़ों से टकराते हैं।
ध्यान दे अगर कोई नुकीला दाँत लंबे समय तक जीभ या गाल में चुभता रहता है, और आपको बार-बार छाले होते रहते है संभावित जगह तो उसे डेंटिस्ट से मिलकर सही करवा ले| अन्यथा इससे आगे चलकर कैन्सर होने की भी संभावना रहती है। यदि छाले कैन्सर में बदल जाते हैं तो प्रारम्भ में उनमें कोई दर्द नहीं होता, लेकिन बाद में थूक के साथ खून रिसना भी शुरू हो जाता है। यहाँ तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होता है। कोई भी विकट परिस्तिथि बनने पर कृपया एक बार डॉक्टर से जरूर परामर्श ले|
यदि दाँतों के नुकीलेपन की वजह से छाले होते हों, तो उन्हें घिसवा लेना चाहिए। छाले होने पर गर्म चाय-कॉफी तथा मिर्च-मसालों का सेवन करने से बचे, क्योंकि इससे तकलीफ और बढ़ जाती है। अधिक कठोर टूथब्रश के इस्तेमाल से भी मसूड़े छिल जाते हैं या उनमें घाव हो जाते हैं, इसलिए हमेशा सॉफ्ट ब्रश का ही इस्तेमाल करना चाहिए।छालों से बचने के लिए मुँह और पेट की स्वच्छता का ध्यान रखें। मौसम के प्रभाव से भी मुँह में छाले हो जाते हैं, जैसे बहुत अधिक गर्मी में छाले हो जाते हैं। ध्यान दे, अगर कोई भी छाला चार दिन में ठीक न हो, तो उसे गंभीरता से लीजिए तथा डॉक्टर को बताइए।
मुँह के छालो का घरेलु उपाय
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