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| आइये सबसे पहले जाने की आखिर क्या है - डिजिटल इंडिया | डिजिटल इंडिया द्वारा देश को भविष्य के लिए तैयार करना, काम के तरीकों का कायापलट करना, परिवर्तन के लिए टेक्नालॉजी का इस्तेमाल करना और पुरे भारत को इंटरनेट से जोड़ना डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट का मकसद है और इसके जरिये आपको मिलेगी ई-गवर्नेंस, ई-कॉमर्स, ई-एजुकेशन, ई-हेल्थ, ई-सर्विसेज की सुविधा | जिससे अब रोजमर्रा की छोटी-छोटी चीज़ो के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा | अब सब घर बैठे मिलेगा | डिजिटल इंडिया यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो सपना, जो साकार होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 जुलाई 2015 से डिजिटल इंडिया सप्ताह की शुरुआत की है, इस दौरान सरकार डिजिटल क्रांति को लेकर अपने इरादे जाहिर करेगी लेकिन अगस्त 2014 में ही मोदी मंत्रिमंडल ने डिजिटल इंडिया का फैसला कर लिया था, करीब एक साल की गहन तैयारी के बाद इसे धूमधाम से लांच किया गया। जिससे हर गांव में होगा इंटरनेट, हर सुविधा होगी ऑनलाइन क्योंकि अब डिजिटल बनेगा इंडिया। न हर जगह दस्तखत की टेंशन, न अस्पताल की लंबी लाइन क्योंकि अब डिजिटल बनेगा इंडिया। कुछ ही सालों में ये सारी बातें हकीकत बन जाएंगी और इस सपने को साकार करने की शुरुआत हो चुकी है।
केंद्र सरकार के मुताबिक डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ई-गवर्नेंस की रफ्तार और तेज करेगा। इस कार्यक्रम के 3 प्रमुख लक्ष्य हैं- 1- हर नागरिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल कर सकेगा। 2- लोगों की मांग पर गवर्नेंस और तमाम सरकारी सेवाएं उपलब्ध होंगी। 3- डिजिटल तकनीक के जरिए आम आदमी का सशक्तीकरण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी विजन को ध्यान में रखते हुए संचार मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के 9 प्रमुख स्तंभ तय किए हैं। जो आम इंसान की जिंदगी को बेहतर और आसान बनाएंगे।
डिजिटल लॉकर सिस्टम जिसमें कागजात की जगह ई-डॉक्यूमेंट पर जोर होगा, MYGOV.In, स्वच्छ भारत मिशन जैसे कार्यक्रम मोबाइल पर आ जाएंगे, ई-हॉस्पिटल के जरिए अस्पतालों में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा होगी, नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए छात्रों को हर छात्रवृत्ति की जानकारी मिलेगी, BHARATNET यानी हाई स्पीड डिजिटल हाइवे जो ढाई लाख पंचायतों को जोड़ेगा, बीपीओ नीति के तहत पूर्वोत्तर राज्यों और छोटे शहरों में 48 हजार बीपीओ बनाए जाएंगे।
इसके क्रियान्वन से देश की तस्वीर बदल सकती है यानि यह योजना ‘गेम चेंजर’ होगी। इस के तहत पोस्ट ऑफिसों को कॉमन डिजिटल सर्विस सेंटर के रूप में विकसित किया जायेगा और छोटे शहरों में भी बीपीओ खोले जाएंगे। मोदी सरकार चाहती है कि देश के हर नागरिक के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बने। शासन, सेवाओं को आसानी से उपलब्ध कराना सरकार का मकसद है। भारतीयों के डिजिटल सशक्तीकरण के प्रयासों स्वरूप इस योजना का लक्ष्य इस क्षेत्र के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इससे जोड़ना है। इसका एक लक्ष्य कागजी कार्रवाई को कम-से-कम कर के सभी सरकारी सेवाओं को आम जनता तक डिजिटली यानी इलेक्ट्रॉनिकली रूप् से सीधे व सुगम तरीके से पहुचाना है। डिजिटल विशेषज्ञों के अनुसार डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत भारत सरकार चाहती है कि तमाम सरकारी विभाग और देश की जनता एक-दूसरे से डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप से जुड़ जाएं ताकि वे सभी तरह की सरकारी सेवाओं से लाभ उठा सकें और देश भर में सुशासन सुनिश्चित किया जा सके। चाहे किसी गांव में रहने वाला व्यक्ति हो शहर में रहने वाला, दोनों को ही सभी सरकारी सेवाएं समान रूप से डिजिटली अथवा ऑनलाइन हासिल हों, यही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य है। इस अहम सरकारी योजना को अमली जामा पहनाने के बाद आम जनता के लिए यह संभव हो जाएगा कि किस सरकारी सेवा को पाने के लिए उसे किस तरह एवं कहां ऑनलाइन आवेदन करना है और उससे किस तरह लाभान्वित हुआ जा सकता है। जानकारों के अनुसार दरअसल, किसी भी सरकारी सेवा के डिजिटली उपलब्ध होने पर आम आदमी के लिये उससे लाभान्वित हो्ने के लिये सीधा रास्ता खुल जायेगा। जाहिर है, ऐसे में सरकारी सेवाओं के मामले में होने वाली लेट लतीफी और भ्रष्टाचार पर कारगर ढंग से लगाम लग सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया अभियान का शुभारंभ पिछले वर्ष 21 अगस्त को किया गया और इसका मुख्य उद्देश्य भारत को डिजिटली रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में तब्दील करना है। केंद्र सरकार की योजना यह है कि इस कार्यक्रम को अगले पांच सालों में पूरा कर लिया जाए। यह उम्मीद की जा रही है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम वर्ष 2019 तक गांवों समेत देश भर में पूरी तरह से लागू हो जाएगा। दरअसल, इस कार्यक्रम के तहत सभी गांवों और ग्रामीण इलाकों को भी इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ने की योजना है। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत इंटरनेट को गांव-गांव पहुंचाया जाएगा। इस कार्यक्रम के तीन प्रमुख अवयव हैं- बुनियादी डिजिटल सुविधाएं, डिजिटल साक्षरता और सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी। इस कार्यक्रम के तहत परियोजनाओं से देश को ड़िजिटल आधारित सशक्त सूचना अर्थव्यवस्था के रूप मे बदलने का लक्ष्य है। इसी के चलते डिजिटल इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए एक जुलाई से डिजिटल इंडिया सप्ताह मनाया जा रहा है। सरकार इस दौरान डिजिटल लॉकर, डिजिटल साक्षरता, भारत नेटवर्क, डिजिटल सिग्नेचर जैसे कार्यक्रमों के विस्तारीकरण का ऐलान कर सकती है। ये फिलहाल पॉयलट अथवा प्रायोगिक आधार पर चलाए जा रहे हैं जिनका विस्तार देश भर में किया जा सकता है। इसका लक्ष्य इस क्षेत्र के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को इससे जोड़ना है। कैसे होगा आपका फायदा? 1. सबको हाई स्पीड इंटरनेट 2. डिजिटल पहचान के लिए प्लेटफार्म (1. अनोखा 2. जिंदगी भर 3. ऑनलाइन 4. भरोसेमंद) 3. कॉमन सर्विस सेंटर तक आसान पहुंच 4. पब्लिक क्लाउड पर प्राइवेट स्पेस 5. सुरक्षित और विश्वसनीय साइबर स्पेस कौन करेगा डिजिटल इंडिया की निगरानी 1. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बनी कमेटी 2. वित्त मंत्री, आईटी मंत्री, मानव संसाधन मंत्री, शहरी विकास मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री होंगे सदस्य 3. प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, व्यय, योजना, टेलीकॉम और कार्मिक सचिव विशेष आमंत्रित 4. सूचना सचिव कमेटी के संयोजक कितना खर्च होगा डिजिटल इंडिया पर 1- मौजूदा योजनाओं में एक लाख करोड़ 2- नई योजनाओं और गतिविधियों में 13 हजार करोड़ 3- 2019 तक डिजिटल इंडिया का असर 4- 2.5 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड और फोन की सुविधा 5- 2020 तक नेट जीरो आयात 6- 4 लाख पब्लिक इंटरनेट प्वाइंट 7- 2.4 लाख स्कूलों, विश्वविद्यालयों में वाई-फाई 8- आमलोगों के लिए वाई-फाई हॉट स्पॉट 9- 1.7 करोड़ लोगों को आईटी, टेलीकॉम और इलेक्ट्रॉनिक में ट्रेनिंग और रोजगार 10- 1.7 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार 11- 8.5 करोड़ लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार 12- सभी सरकारों में ई-गवर्नेंस आइये जानते है आपको क्या क्या मिलेगा डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट से 1. डिजिटल तिजोरी: अपने दस्तावेज (पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज) ऑनलाइन रख सकेंगे और इन्हें एक्सेस करना बेहद आसान होगा. इसके बाद आप हार्ड कॉपी के झंझट से बच जाएंगे. 2. ई-बैग: छात्रों अपने शिक्षा बोर्ड की किताब कहीं से भी डाउनलोड करके पढ़ सकेंगे. इसमें सभी राज्यों के शिक्षा बोर्ड अपनी किताबें ऑनलाइन रखेंगे. 3. ई-अस्पताल योजना: इसके तहत लोगों को ऑनलाइन मेडिकल सुविधा दी जाएगी. यह सफल हुई तो बड़े अस्पतालों में लंबी लाइनों के दृश्य कम दिखाई देंगे और मरीज किसी भी कोने में बैठकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. दूर-दराज के गांवों को भी इस स्कीम से जोड़ा जाएगा. 4. रोजगार: सरकार का दावा है कि इस योजना से करीब 18 लाख लोगों को नौकरियां मिलेंगी. देश के बड़े बड़े पूंजीपति डिजिटल इंडिया की योजना में निवेश कर रहे हैं. कुल निवेश करीब साढ़े चार लाख करोड़ रुपये का बताया जा रहा है. 6. मोबाइल ऐप: MYGOV और स्वच्छ भारत मिशन की मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च की जाएंगी. जिनके जरिये आप सरकार से सीधे अपने मोबाइल के जरिये जुड़ सकेंगे. 5. नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल: इसके जरिये छात्रों की स्कॉलरशिप की व्यवस्था को ऑनलाइन किया गया है. अब स्कॉलरशिप के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकेगा और वितरण भी ऑनलाइन किा जाएगा. 6. गांवों तक इंटरनेट: गांवों तक इंटरनेट की पहुंच बढ़ाने के लिए सरकार अपने स्तर से प्रयास करेगी. साथ ही कई शहरों में वाई-फाई का इंतजाम भी किया जाएगा. 7. लाइन का कल्चर होगा कम: डिजिटल इंडिया कितना सफल होगा, यह अभी कहना संभव नहीं है. लेकिन अगर यह पूरी तरह कामयाब हुआ तो कई सरकारी दफ्तरों का काम-काज पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगा. इसका मतलब यह कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने के लिए आपको आरटीओ ऑफिस जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी. आप अपनी एप्लीकेशन डिजिटल दस्तखत के साथ ऑनलाइन सबमिट करवा सकेंगे. 8. हॉटस्पॉट हर जगह: बीएसएनएल देश भर में वाई-फाई हॉटस्पॉट बनाने के काम में लगा है ताकि लैपटॉप और स्मार्टफोन आसानी से इंटरनेट से जुड़ सकें. उदाहरण के लिए, आप ताज महल जाएंगे तो फ्री वाई-फाई का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिसकी समय सीमा संभवत: सीमित होगी. फिलहाल बीएसएनएल के 53 जगहों पर हॉटस्पॉट हैं. साल के अंत तक कंपनी ने 250 जगहों पर 2500 हॉटस्पॉट लगाने का लक्ष्य रखा है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के नौ प्रमुख उद्देश्य हैं जिनका ब्योरा इस प्रकार है :
1.ब्रॉडबैंड हाइवेज- सामान्य तौर पर ब्रॉडबैंड का मतलब दूरसंचार से है, जिसमें सूचना के संचार के लिए आवृत्तियों (फ्रीक्वेंसीज) के व्यापक बैंड उपलब्ध होते हैं। इस कारण सूचना को कई गुणा तक बढ़ाया जा सकता है और जुड़े हुए तमाम बैंड की विभिन्न फ्रीक्वेंसीज या चैनलों के माध्यम से भेजा जा सकता है। इसके माध्यम से एक निर्दिष्ट समयसीमा में वृहत्तर सूचनाओं को प्रेषित किया जा सकता है। ठीक उसी तरह से जैसे किसी हाइवे पर एक से ज्यादा लेन होने से उतने ही समय में ज्यादा गाड़ियां आवाजाही कर सकती हैं। ब्रॉडबैंड हाइवे निर्माण से अगले तीन सालों के भीतर देशभर के ढाई लाख पंचायतों को इससे जोड़ा जाएगा और लोगों को सार्वजनिक सेवाएं मुहैया करायी जायेंगी.
2. मोबाइल कनेक्टिविटी सभी के लिए - देशभर में तकरीबन सवा अरब की आबादी में मोबाइल फोन कनेक्शन की संख्या जून, 2014 तक करीब 80 करोड़ थी। शहरी इलाकों तक भले ही मोबाइल फोन पूरी तरह से सुलभ हो गया हो, लेकिन देश के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में अभी भी इसकी सुविधा मुहैया नहीं हो पाई है। हालांकि, बाजार में निजी कंपनियों के कारण इसकी सुविधा में पिछले एक दशक में काफी बढ़ोतरी हुई है। देश के 55,000 गांवों में अगले पांच वर्षों के भीतर मोबाइल संपर्क की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए 20,000 करोड़ के यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) का गठन किया गया है। इससे ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग के इस्तेमाल में आसानी होगी। 3. पब्लिक इंटरनेट एक्सेस प्रोग्राम- भविष्य में सभी सरकारी विभागों तक आम आदमी की पहुंच बढ़ाई जाएगी। पोस्ट ऑफिस के लिए यह दीर्घावधि विजन वाला कार्यक्रम हो सकता है। इस प्रोग्राम के तहत पोस्ट ऑफिस को मल्टी-सर्विस सेंटर के रूप में बनाया जाएगा। नागरिकों तक सेवाएं मुहैया कराने के लिए यहां अनेक तरह की गतिविधियों को चलाया जाएगा। 4. ई-गवर्नेस- प्रौद्योगिकी के जरिए सरकार को सुधारना- सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए बिजनेस प्रोसेस री-इंजीनियरिंग के ट्रांजेक्शंस में सुधार किया जाएगा। विभिन्न विभागों के बीच आपसी सहयोग और आवेदनों को ऑनलाइन ट्रैक किया जाएगा। इसके अलावा, स्कूल प्रमाण पत्रों, वोटर आइडी कार्डस आदि की जहां जरूरत पड़े, वहां इसका ऑनलाइन इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कार्यक्रम सेवाओं और मंचों के एकीकरण- यूआइडीएआइ (आधार), पेमेंट गेटवे (बिलों के भुगतान) आदि में मददगार साबित होगा। साथ ही सभी प्रकार के डाटाबेस और सूचनाओं को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मुहैया कराया जाएगा। 5. ई-क्रांति- सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी- इसमें अनेक बिंदुओं को फोकस किया गया है। इ-एजुकेशन के तहत सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने, सभी स्कूलों (ढाई लाख) को मुफ्त वाइ-फाइ की सुविधा मुहैया कराने और डिजिटल लिटरेसी कार्यक्रम की योजना है। किसानों के लिए रीयल टाइम कीमत की सूचना, नकदी, कर्ज, राहत भुगतान, मोबाइल बैंकिंग आदि की ऑनलाइन सेवा प्रदान करना। स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऑनलाइन मेडिकल सलाह, रिकॉर्ड और संबंधित दवाओं की आपूर्ति समेत मरीजों की सूचना से जुड़े एक्सचेंज की स्थापना करते हुए लोगों को इ-हेल्थकेयर की सुविधा देना। न्याय के क्षेत्र में इ-कोर्ट, इ-पुलिस, इ-जेल, इ-प्रॉसिक्यूशन की सुविधा, वित्तीय इंतजाम के तहत मोबाइल बैंकिंग, माइक्रो-एटीएम प्रोग्राम चलाया जाएगा। 6. सभी के लिए जानकारी- इस कार्यक्रम के तहत सूचना और दस्तावेजों तक ऑनलाइन पहुंच कायम की जाएगी। इसके लिए ओपन डाटा प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाएगा, जिसके माध्यम से नागरिक सूचना तक आसानी से पहुंच सकेंगे। नागरिकों तक सूचनाएं मुहैया कराने के लिए सरकार सोशल मीडिया और वेब आधारित मंचों पर सक्रिय रहेगी। साथ ही, नागरिकों और सरकार के बीच दोतरफा संवाद की व्यवस्था कायम की जाएगी। 7. इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में आत्मनिर्भरता- इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र से जुड़ी तमाम चीजों का निर्माण देश में ही किया जाएगा। इसके तहत ‘नेट जीरो इंपोर्ट्स’ का लक्ष्य रखा गया है ताकि 2020 तक इलेक्ट्रॉनिक्स के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। इसके लिए आर्थिक नीतियों में संबंधित बदलाव भी किए जाएंगे। फैब-लेस डिजाइन, |