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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ट्रिपल तलाक अमान्‍य, असंवैधानिक और गैरकानूनी, पढ़िए 10 खास बातें

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ट्रिपल तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को असंवैधानिक करार दिया. इस मामले पर पांच जजों की संवैधानिक पीठ में से तीन जजों ने इसे असंवैधानिक बताया। वहीं चीफ जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अब्‍दुल नजीर ने अपने फैसले में ट्रिपल तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगाई थी और कहा था कि सरकार इस पर कानून बनाए। चीफ जस्टिस खेहर ने कहा कि सरकार इस पर छह महीने के अंदर कानून लेकर आए। 
 
सुप्रीम कोर्ट के रूम नंबर 1 में ट्रिपल तलाक मामले पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट इसे कुप्रथा को ट्रिपल तलाक अमान्‍य, असंवैधानिक और गैरकानूनी बताया। अदालत ने ट्रिपल तलाक को कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों के फैसले के आधार पर 9 करोड़ मुस्लिम महिलाओं की जीत हुई है। फैसला सुनवाई चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने कहा कि ट्रिपल तलाक मुस्लिम समुदाय का 1000 साल पुराना आंतरिक मामला है।
 
जस्टिम नरीमन, जस्टिम यूयू ललित और जस्टिस कुरियन जोसफ ने ट्रिपल तलाक को पूरी तरह गलत बताते हुए अपने फैसले में इसे असंवैधानिक करार दिया। देश के सबसे चर्चित मुद्दे तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट में 11 मई से 18 मई तक सुनवाई चली थी। इस दौरान पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। हर पक्ष से उनकी राय जानी और उस पर अपनी बात भी रखी।
 
10 खास बातें
- ट्रिपल तलाक अमान्‍य, असंवैधानिक और गैरकानूनी
- सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक पर छह महीने के लिए रोक लगा दी है
- ट्रिपल तलाक कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ
- जो चीज कुरान के सिद्धांत के खिलाफ है वह जायज नहीं हो सकती
- ट्रिपल तलाक पूरी तरह एकतरफा है और ये खत्‍म हो
- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 395 पन्‍नों का फैसला दिया
- कोर्ट ने सरकार से कहा कि वह तीन तलाक पर कानून बनाए
- सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीद जताई कि केंद्र कानून बनाने में मुस्लिम संगठनों और शरिया कानून का ख्‍याल रखेगा
- अगर छह महीने में कानून नहीं बना तो तीन तलाक पर शीर्ष अदालत का आदेश जारी रहेगा
- कोर्ट ने इस्लामिक देशों का हवाला देते हुए पूछा कि स्वतंत्र भारत ट्रिपल तलाक से निजात क्यों नहीं पा सकता


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