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राधिका आप्टे ने कहा- चुनौतियों के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं है

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अभिनेत्री राधिका आप्टे का मानना है कि फिल्म उद्योग में विभिन्न तरह के काम कर रहीं महिलाओं की मौजूदगी के चलते महिला आधारित फिल्मों की संख्या बढ़ी है। यह पूछे जाने पर कि आजकल मॉम, पार्च्ड और पिंक जैसी महिला केंद्रित जैसी फिल्में ज्यादातर क्यों बन रही हैं? इस पर उन्होंने कहा, इससे पहले भी फिल्मों के अधिक विषय थे, लेकिन उद्योग में लेखक और निर्देशक के रूप में ज्यादातर महिलाओं के काम की वजह से निश्चित रूप में मदद मिली है।
 
पार्च्ड, फोबिया जैसी फिल्मों में सशक्त भूमिका निभा चुकीं अभिनेत्री का मानना है कि चुनौतियों के बिना जीवन जीने का कोई मतलब नहीं है। राधिका शुक्रवार को लॅक्मे फैशन वीक (एलएफडब्ल्यू) विंटर/उत्सव 2017 के तीसरे दिन हैदराबाद के डिजाइनर हथकरघा शैलेश सिंघानिया के लिए रैंप पर चलीं। रैंप पर उपस्थिति के बारे में उन्होंने कहा, शुरू में मुझे बहुत डर लगा, क्योंकि इससे पहले मैं इस पर नहीं चली थी। इसे लेकर मैं तनाव में भी थी।
 


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