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कोविंद बने राष्ट्रपति: पहले भाषण में लिया 8 नेताओं का नाम, कांग्रेस को फिर भी एतराज

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रामनाथ कोविंद ने 14वें राष्ट्रपति के तौर पर मंगलवार को शपथ ली। CJI जेएस खेहर ने उन्हें शपथ दिलाई। कोविंद को 21 तोपों की सलामी दी गई। हिंदी में शपथ लेने के बाद कोविंद ने बतौर राष्ट्रपति पहला भाषण दिया। इसमें उन्होंने राष्ट्र निर्माता की अपनी परिभाषा कई उदाहरणों के जरिए समझाई। कोविंद ने भाषण में आठ नेताओं का जिक्र किया। इनमें से छह नेता कांग्रेस से जुड़े थे। लेकिन जवाहरलाल नेहरू का जिक्र नहीं होने पर कांग्रेस ने एतराज जताया। कोविंद के शपथ ग्रहण के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे भी लगे।
 
शपथ ग्रहण से पहले कोविंद ने महात्मा गांधी को राजघाट जाकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन में प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। दोनों एक कार में संसद भवन के लिए रवाना हुए। शपथ लेने के बाद अपने भाषण में कोविंद ने कहा- "मुझे भारत के राष्ट्रपति पद का दायित्व सौंपने के लिए मैं आप सभी का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं पूरी विनम्रता के साथ इस पद को ग्रहण कर रहा हूं। यहां सेंट्रल हॉल में आकर मेरी कई स्मृतियां ताजा हो गई हैं। मैं संसद सदस्य रहा हूं। इसी सेंट्रल हॉल में आपमें से कई लोगों के साथ विचार-विमर्श किया है। कई बार हम सहमत होते थे, कई बार असहमत। इसके बावजूद हमने एकदूसरे के विचारों का सम्मान करना सीखा। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। मैं मिट्टी के घर में पला-बढ़ा हूं। हमारे देश की भी यही गाथा रही है। संविधान की प्रस्तावना में उल्लेखित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल तत्वों का पालन किया जाता है। मैं भी यही करूंगा। 125 करोड़ नागरिकों ने जो विश्वास जताया, उस पर खरा उतरने का वचन देता हूं। मैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. राधाकृण्ष्णन, डॉ. कलाम और प्रणब मुखर्जी जिन्हें हम प्रणब दा कहते हैं, उनके पदचिह्नों पर चलने जा रहा हूं।"


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